प्रयागराज,गरीब असहायों को पांच लाख रूपए तक का स्वास्थ्य लाभ देने के लिए आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत लोगों के लगातार कार्ड बनाए जा रहे हैं। मगर नेशनल हेल्थ एथॉर्टी की एक रिपोर्ट के आधार पर प्रयागराज में पिछले एक महीने में बनाए गए 40 हजार 113 आयुष्मान कार्डों पर स्टेट हेल्थ एजेंसी ने अब तक नजर नहीं डाली है। जिसके कारण नि:शुल्क इलाज का लाभ मिलने से अभी भी कई परिवार वंचित हैं। वहीं कार्ड पेंडिंग के मामले में प्रयागराज पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर बांदा है, जिसके 51 हजार 681 कार्डों पर मुहर नहीं लगी है। अप्रैल माह के अंदर पूरे प्रदेश में 13 लाख 96 हजार 390 आयुष्मान कार्ड बनाए गए। जिसमें 6 लाख 36 हजार 408 कार्डों को अनुमति प्रदान की गई और 3 लाख 84 हजार 921 कार्ड को मान्यता नहीं दी गई। वहीं 3 लाख 75 हजार 61 कार्ड को अब तक स्टेट हेल्थ एजेंसी ने देखना भी ठीक नहीं समझा। जिसके कारण यह भी कार्ड एक माह बीत जाने के बाद भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं प्रयागराज के 53 हजार 493 कार्डों को हरी झंडी दिखाई गई हैस्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अब तक 7 लाख लाख 73 हजार 9 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। वहीं 17 मार्च से प्रयागराज में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिले के सभी ब्लाकों में शिविर लगाकर लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। अप्रैल माह में एक लाख से अधिक कार्डों का ब्यौरा स्टेट हेल्थ एजेंसी को भेजा गया। जिसमें 40 हजार 113 कार्डों पर अब तक नजर ही नहीं डाली गई है। स्टेट हेल्थ एजेंसी के अंतर्गत काम करने वाली विडाल जब तक इन सभी दस्तावेजों को चेक करके अपनी अनुमति प्रदान नहीं करेगी, तब तक कई परिवार आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रूपए तक मिलने वाले इलाज का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
प्रयागराज पांचवे स्थान पर
आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में प्रयागराज ताजा रैकिंग में प्रदेश में पांचवे स्थान पर है। नए वित्तीय वर्ष में प्रयागराज में 2 लाख 615 कार्ड बनाए गए हैं। वहीं पहले स्थान पर गोरखपुर, उन्नाव दूसरे, सिद्वार्थनगर तीसरे, सीतापुर चौथे और प्रयागराज पांचवे स्थान पर है।प्रयागराज में अब 7 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। वहीं एक अभियान के तहत प्रयास किया जा रहा है कि अधिक लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सके।